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Types of Salt : क्या आप जानते हैं सामान्य नमक, सेंधा नमक और काला नमक में क्या है अंतर ? .. सेहत के लिए क्या है बेहतर...एक तो अपने आप में ही है चमत्कारिक दवा

सेंधा नमक में ऊपर से आयोडीन मिलाने की जरूरत नहीं होती, जबकि सामान्य नमक में मिलाना पड़ता है. सेंधा नमक कुदरती चीज है और इसमें ज्यादा छेड़-छाड़ नहीं किया जाता. इसलिए स्वास्थ्य के लिए यह बेहतर है. आयुर्वेद में इसका काफी महत्व है.

Types of Salt : क्या आप जानते हैं  सामान्य नमक, सेंधा नमक और काला नमक में क्या है अंतर ? .. सेहत के लिए क्या  है बेहतर...एक तो अपने आप में ही है चमत्कारिक दवा
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By Meenu

नमक के बिना भोजन का स्वाद बेमानी है. इसके बिना कल्पना भी नहीं की जा सकती. लेकिन नमक हमारे शरीर के लिए जितना जरूरी है, उतना ही इसकी अत्यधिक मात्रा नुकसानदेह भी है. ऐसे में यह जान लेना जरूरी है कि कौन सा नमक हमारे लिए बेहतर है. आमतौर पर नमक तीन तरह के होते हैं- सामान्य नमक, सेंधा नमक और काला नमक. सामान्य नमक समंदर या खारे झील के पानी से तैयार किया जाता है. इसे मशीन में शुद्ध किया जाता. सेंधा नमक जमीन के नीचे एक चट्टान की तरह है. यह पूरी तरह से कुदरती है. काला नमक भी सेंधा नमक जैसा ही होता है. तीनों नमक सोडियम क्लोराइड का बेहतरीन स्रोत है.

सेंधा नमक में ऊपर से आयोडीन मिलाने की जरूरत नहीं होती, जबकि सामान्य नमक में मिलाना पड़ता है. सेंधा नमक कुदरती चीज है और इसमें ज्यादा छेड़-छाड़ नहीं किया जाता. इसलिए स्वास्थ्य के लिए यह बेहतर है. आयुर्वेद में इसका काफी महत्व है.

कौन सा नमक बेहतर

सामान्य नमक में 97 प्रतिशत सोडियम क्लोराइड होता है जबकि रिफाइनिंग के वक्त तीन फीसदी अन्य चीजें मिलाई जाती है. इनमें आयोडीन प्रमुख है. आयोडीन इसलिए मिलाया जाता क्योंकि इससे ग्वायटर बीमारी नहीं होती. दूसरी ओर सेंधा नमक है जो धरती के नीचे मिलता है और यह दरदरा है. इसमें लगभग 85 फीसदी सोडियम क्लोराइड होता है, जबकि बाकी 15 फीसदी में अन्य खनिज जैसे आयरन, कॉपर, जिंक, आयोडीन, मैंगनीज, मैग्नेशियम, सेलेनियम सहित कम से कम 84 प्रकार के तत्व होते हैं. ये खनिज शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं.

सेंधा नमक में घुलित कई खनिज पदार्थ पानी में भी मिले होते हैं. लेकिन आज पानी को रिफाइन कर पीने का चलन बढ़ा है जिसके कारण पानी में मिले खनिज हमें प्राप्त नहीं होता है. इसलिए आजकल सेंधा नमक का चलन बढ़ा है. हालांकि सेंधा नमक अपेक्षाकृत महंगा होता है और दरदरा होता है जिससे यह भोजन में पूरी तरह से मिक्स नहीं हो पाता. लेकिन दरदरा होने का मतलब ही यह है कि इसे रिफाइंड नहीं किया गया है. जो चीज जितनी कम रिफाइंड होती है, वह उतनी ज्यादा नैचुरल होती है. रिफाइंड करने से महत्वपूर्ण खनिज हट जाते हैं. यानी सेंधा नमक हमारे लिए ज्यादा बेहतर है.

कई बीमारियों में ज्यादा बेहतर

कई तरह के खनिज होने के कारण सेंधा नमक कई बीमारियों को रोकने में कारगर है. यह शरीर के अंदर ही नहीं चेहरे और बाल को भी खूबसूरत बनाता है. साधारण नमक के ज्यादा इस्तेमाल से हाई ब्लडप्रेशर की शिकायत बढ़ जाती है जबकि सेंधा नमक हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है. इसी तरह यह इम्यूनिटी और स्टेमिना दोनों को बढ़ाता है. इसके अलावा यह साइनस के इलाज में मददगार है. सेंधा नमक का सही इस्तेमाल होने से वेट नहीं बढ़ता और वजन कम करने में भी काम करता है. जिन्हें नींद नहीं आती, उन्हें सेंधा नमक खाने की सलाह दी जाती है. सेंधा नमक से बॉडी स्क्रब भी किया जा सकता है. इससे स्किन ग्लो होती है. यह बालों में भी लगाया जाता है. मसूढों की सफाई में सेंधा नमक बहुत कारगर साबित होता है. माइग्रेन की एक वजह मैग्नीशियम की कमी होती है जो सेंधा नमक पूरी कर देता है. यह कब्ज की समस्या में भी फायदेमंद है. यह हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है.

सेंधा नमक क्या है ?

सेंधा नमक (Sendha Namak also known as Himalayan pink Salt) को सबसे शुद्ध नमक माना जाता है। सेंधा नमक क्रिस्टल रूप में हल्का गुलाबी रंग का होता है और पाउडर रूप में इसका रंग सफेद होता है। मुख्यत यह नमक पाकिस्तान में पाया जाता है हिमालय में इसकी बड़ी बड़ी खदाने है जहा से सेंधा नमक निकलता है इसीलिए इसको हिमालयन नमक भी कहते है।

सेंधा नमक में आयोडीन के साथ साथ मेगनीज,पोटेशियम, कैल्शियम,आयरन और जिंक जैसे तत्व होते है इसलिए यह खाने में लाभदायक है। इसका उपयोग दवाइयों , आयुर्वेद तथा थेरेपी में किया जाता है।सेंधा नमक को सबसे फायदेबंद नमक माना जाता है क्योंकि इसमें समुद्री नमक की तरह विषैले तत्व नहीं होते है। सेंधा नमक की तासीर ठंडी होती है। यह शुद्ध होता है इसलिए इसका उपयोग व्रत के समय खाना बनाने में किया जाता है।

काला नमक क्या होता है

बात करे कला नमक की तो काला नमक (Black Salt) साधारण नमक के जैसा ही होता है लेकिन यह अलग अलग रंग का भी हो सकता है क्रिस्टल रूप में इसका रंग काला भूरा होता है तथा पाउडर रूप में इसका रंग गहरा गुलाबी होता है। इसकी सुगंध उबले अंडे जैसी आती है।

इसमें सल्फर तत्व पाया जाता है इसके अलावा इसमें लौह तत्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है इसी वजह से इसका रंग काला होता है।काला नमक भारत, नेपाल, बंगलादेश तथा पाकिस्तान में प्राकृतिक नमक की खानों से प्राप्त किया जाता है. और भारत की सांभर झील में भी काला नमक पाया जाता है।

सेंधा नमक के घरेलु उपाय



  • सेंधा नमक जोड़ों में अकड़न और दर्द को कम करने में मदद करता है और उनके मूवमेंट में सुधार करता है। इसके लिए बस आपको तिल के तेल में एक चुटकी सेंधा नमक मिलाना है और इसे गर्म करके अपने जोड़ों के हिस्से में हल्के हाथों से मालिश करना है।
  • कफ की समस्या से राहत पाने के लिए सेंधा नमक बेहद फायदेमंद है। आप सेंधा नमक का उपयोग करके सीने या छाती में जमा कफ से राहत पा सकते हैं। इसके लिए नीलगिरी (यूकेलिप्टस) के तेल में गर्म तिल का तेल मिलाएं है और इससे अपनी छाती की मालिश करें। उसके बाद एक पैन में एक कप सेंधा नमक डालें और इसे 5 मिनट तक गर्म करें। अब इस गर्म नमक को किसी कपड़े में डालकर लोई या पुल्टिस (Poultice) की तरह बना लें और अपनी छाती पर धीरे-धीरे सिंकाई करें।
  • अक्सर लोग डिहाइड्रेशन या पोषण की कमी के चलते मांसपेशियों में ऐंठन का अनुभव करते हैं। इससे राहत पाने के लिए एक गिलास गर्म पानी में एक चुटकी सेंधा नमक मिलाएं और इसे धीरे-धीरे पिएं। सेंधा नमक में कई मिनरल्स होते हैं, जो शरीर में तंत्रिकाओं के फंक्शन के लिए जरूरी होते हैं। इसलिए इसे पीने से मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या दूर हो सकती है।
  • सेंधा नमक गले में दर्द और खराश से राहत प्रदान करने के साथ ही टॉन्सिल की सूजन को कम करने में भी मदद करता है। गुनगुने पानी में चुटकी भर सेंधा नमक मिलाकर गरारे करने से गले के दर्द और खराश से जल्द राहत मिलती है।
  • बेहतर पाचन के लिए आपकी जठराग्नि मजबूत होना बहुत जरूरी है, क्योंकि आप जो कुछ भी खाते हैं उसे पचाने के लिए पर्याप्त पाचन अग्नि की आवश्यकता होती है। जब पाचन अग्नि कम होती है तो इससे भोजन ठीक से पच नहीं पाता है और पेट संबंधी समस्याएं होती हैं। जठराग्नि को बूस्ट करने में सेंधा नमक बहुत फायदेमंद है। इसके लिए भोजन से 30 मिनट पहले 1/2 चम्मच नींबू के रस के साथ एक चुटकी सेंधा नमक का सेवन करें। यह आपकी भूख को बढ़ाने में भी मदद करता है और पाचन में सहायता करता है।


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